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UOU AECC-E-102 SOLVED PAPER DECEMBER 2024, BASICES OF WRITING

 

प्रश्न 01. स्वतंत्र और आश्रित खण्डों के बीच के अंतरों का विश्लेषण करें। वाक्य रचना में उनका उपयोग कैसे किया जाता है, और प्रत्येक के उदाहरण दें।


🧠 परिचय: वाक्य रचना की बुनियादी इकाइयाँ

वाक्य रचना (Sentence Structure) भाषा के निर्माण की आधारशिला होती है। किसी भी भाषा में विचारों की स्पष्टता और प्रभावशीलता वाक्य निर्माण पर निर्भर करती है। इस प्रक्रिया में खण्डों (clauses) का विशेष महत्व होता है। खण्ड दो प्रकार के होते हैं – स्वतंत्र खण्ड (Independent Clause) और आश्रित खण्ड (Dependent Clause)। इन दोनों की पहचान, उपयोग और अंतर को समझना एक सशक्त वाक्य-लेखन की कुंजी है।


🔹 स्वतंत्र खण्ड (Independent Clause) ✨

🔸 परिभाषा

स्वतंत्र खण्ड वह खण्ड होता है जो स्वयं में पूर्ण वाक्य होता है और अपने आप में एक पूरा विचार प्रकट करता है। इसमें कर्ता (Subject) और क्रिया (Verb) दोनों होते हैं और यह किसी अन्य खण्ड पर निर्भर नहीं होता।

🔸 उदाहरण

  • I love reading books.

  • She went to the market.

  • The sun is shining.

हर वाक्य में एक संपूर्ण विचार है जिसे समझने के लिए किसी अन्य जानकारी की आवश्यकता नहीं।

🔸 विशेषताएँ

  • पूर्ण वाक्य होता है।

  • पूर्ण अर्थ देता है।

  • स्वतंत्र रूप से खड़ा रह सकता है।

  • वाक्य समाप्त करने के लिए पूर्ण विराम (full stop) की आवश्यकता होती है।

🔸 प्रयोग

स्वतंत्र खण्ड का प्रयोग सामान्य वाक्यों, संयोजक (coordinating conjunctions) के साथ संयुक्त वाक्यों, तथा मिश्रित वाक्यों में किया जाता है।


🔹 आश्रित खण्ड (Dependent Clause) 🔍

🔸 परिभाषा

आश्रित खण्ड वह खण्ड होता है जो अपने आप में पूरा वाक्य नहीं होता और उसे समझने के लिए किसी स्वतंत्र खण्ड की आवश्यकता होती है। इसमें भी कर्ता और क्रिया होती है, परंतु यह अधूरी जानकारी देता है।

🔸 उदाहरण

  • Because I was tired

  • When the train arrived

  • Although she is smart

इन खण्डों को पढ़कर समझ नहीं आता कि बात पूरी हुई या नहीं — इसलिए इन्हें स्वतंत्र खण्ड की जरूरत होती है।

🔸 विशेषताएँ

  • अधूरा अर्थ देता है।

  • वाक्य के किसी अन्य हिस्से पर निर्भर करता है।

  • सामान्यतः subordinating conjunction से शुरू होता है।

  • पूर्ण विराम नहीं दे सकते जब तक स्वतंत्र खण्ड न जुड़ा हो।

🔸 प्रयोग

आश्रित खण्ड का प्रयोग मिश्र वाक्य (complex sentence) में स्वतंत्र खण्ड के साथ किया जाता है ताकि वाक्य में गहराई और विस्तार लाया जा सके।


📚 स्वतंत्र और आश्रित खण्डों के बीच मुख्य अंतर

विशेषतास्वतंत्र खण्डआश्रित खण्ड
पूर्ण अर्थहाँ ✅नहीं ❌
स्वतंत्र उपयोगहाँ ✅नहीं ❌
वाक्य के रूप में प्रयुक्तहाँ ✅अकेले नहीं ❌
निर्भरतास्वतंत्रस्वतंत्र खण्ड पर निर्भर
उदाहरणI ate dinner.Because I was hungry


🛠️ वाक्य रचना में दोनों का संयुक्त प्रयोग

वाक्य में अक्सर स्वतंत्र और आश्रित खण्ड को जोड़कर मिश्रित वाक्य (Complex Sentence) बनाया जाता है। इससे भाषा अधिक प्रभावशाली बनती है।

✅ उदाहरण 1:

Because he studied hard, he passed the exam.
👉 "Because he studied hard" — आश्रित खण्ड
👉 "he passed the exam" — स्वतंत्र खण्ड

✅ उदाहरण 2:

Although it was raining, they went for a walk.
👉 "Although it was raining" — आश्रित खण्ड
👉 "they went for a walk" — स्वतंत्र खण्ड


🧩 संयोजक (Conjunctions) जो आश्रित खण्ड से जुड़े होते हैं

कुछ सामान्य Subordinating Conjunctions जो आश्रित खण्ड की शुरुआत करते हैं:

  • Because

  • Although

  • While

  • When

  • If

  • Unless

  • Since

  • Even though

  • As

  • Before

इन शब्दों से शुरू होने वाले खण्ड अधिकतर आश्रित होते हैं और उन्हें समझने के लिए स्वतंत्र खण्ड जरूरी होता है।


✍️ लेखन में इन खण्डों का महत्व

🔸 स्पष्टता

स्वतंत्र खण्ड विचार को सीधे प्रस्तुत करता है, जबकि आश्रित खण्ड विवरण या कारण आदि जोड़ता है।

🔸 शैलीगत सौंदर्य

दोनों प्रकार के खण्डों को मिलाकर लेखक अधिक समृद्ध और प्रभावी भाषा का निर्माण कर सकता है।

🔸 व्याकरणिक शुद्धता

इन खण्डों को ठीक से समझना वाक्य-विन्यास की त्रुटियों से बचने में मदद करता है, जैसे – fragment errors या run-on sentences।


🧠 अभ्यास प्रश्न (ब्लॉग में students के लिए उपयोगी)

  1. निम्न वाक्य में स्वतंत्र और आश्रित खण्ड की पहचान करें:
    "If you work hard, you will succeed."

  2. एक वाक्य लिखिए जिसमें एक स्वतंत्र और एक आश्रित खण्ड हो।


🎯 निष्कर्ष: भाषा के मूल स्तंभ

स्वतंत्र और आश्रित खण्ड, वाक्य रचना के मूल स्तंभ हैं। इन्हें सही तरीके से समझकर कोई भी छात्र या लेखक प्रभावशाली और स्पष्ट लेखन कर सकता है।
स्वतंत्र खण्ड अकेला खड़ा रह सकता है जबकि आश्रित खण्ड को अर्थपूर्ण बनाने के लिए उसे किसी स्वतंत्र खण्ड की आवश्यकता होती है।
दोनों को मिलाकर बनाए गए मिश्रित वाक्य भाषा को जीवंत और परिपक्व बनाते हैं।




प्रश्न 02. अपने द्वारा हाल ही में पढ़ी गई किसी एक पुस्तक की समीक्षा लिखें, और ध्यान रखें कि आप सारांश देते समय वर्तमान काल का उपयोग करेंगे।


📘 पुस्तक का नाम: 'गोदान' – मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक कालजयी कृति


🔹 परिचय: हिंदी साहित्य का गौरव 'गोदान' 🌾

🔸 मुंशी प्रेमचंद – यथार्थवादी लेखक का परिचय

मुंशी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू साहित्य के ऐसे लेखक हैं जिनकी कहानियाँ और उपन्यास सामाजिक यथार्थ को गहराई से प्रस्तुत करते हैं। ‘गोदान’ उनका अंतिम पूर्ण उपन्यास है, जिसे 1936 में प्रकाशित किया गया। यह उपन्यास भारत के ग्रामीण जीवन, सामाजिक विषमताओं और पूंजीवादी व्यवस्था के बीच संघर्ष को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है।

🔸 पुस्तक का महत्व

‘गोदान’ न केवल एक साहित्यिक कृति है, बल्कि यह भारतीय समाज का दस्तावेज भी है। यह उस समय के शोषण, गरीबी, जातिवाद और किसानों की दुर्दशा को उजागर करता है।


📖 कथानक का सारांश (वर्तमान काल में) ✍️

🔸 केंद्रीय पात्र – होरी

कहानी की शुरुआत होरी नामक एक गरीब किसान से होती है जो एक गाय खरीदने का सपना देखता है। वह अत्यंत ईमानदार और मेहनती है, लेकिन सामाजिक व्यवस्थाओं और आर्थिक मजबूरियों के बीच पिसता चला जाता है।

🔸 पारिवारिक संघर्ष

होरी का परिवार भी संघर्ष से भरा हुआ है। उसकी पत्नी धनिया, बहू झुनिया और पुत्र गोबर — सबके अपने-अपने दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं। गोबर आधुनिक सोच का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि होरी परंपराओं से बंधा हुआ है।

🔸 सामाजिक शोषण

कहानी में दिखाया जाता है कि कैसे ज़मींदार, पंडित, महाजन और कर्मचारी जैसे वर्ग किसान का शोषण करते हैं। होरी लगातार कर्ज में डूबता जाता है और अंततः अपनी गाय के लिए "गोदान" की इच्छा अधूरी रहते हुए ही मर जाता है।

🔸 नगरीय जीवन का चित्रण

कहानी में नगरीय पात्र भी हैं जैसे – मिस मालती, राय साहब, खन्ना और मेहता, जो शहरी जीवन, विचारधाराओं और संघर्षों को दर्शाते हैं। ये पात्र उपन्यास को और अधिक बहुआयामी बनाते हैं।


🧠 मुख्य विषय-वस्तु (Themes)

🔸 वर्ग संघर्ष

उपन्यास में ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में मौजूद वर्ग विभाजन और संघर्ष का विस्तृत चित्रण है। होरी जैसे किसान और राय साहब जैसे सामंतों के बीच का अंतर यथार्थ के करीब है।

🔸 स्त्री जीवन

धनिया, झुनिया और मिस मालती जैसी स्त्रियों के माध्यम से प्रेमचंद ने उस समय की नारी की स्थिति, संघर्ष और आत्मबल को भी दर्शाया है।

🔸 नैतिकता बनाम यथार्थ

होरी का चरित्र आदर्शवाद और नैतिकता का प्रतीक है, लेकिन वह लगातार यथार्थ से पराजित होता है। यह द्वंद्व उपन्यास की आत्मा है।


🧱 शिल्प और भाषा

🔸 भाषा शैली

‘गोदान’ की भाषा सरल, सहज, और देशज शब्दों से भरपूर है। लेखक ने बोली और व्यवहारिक भाषा का प्रयोग किया है, जिससे पात्र और घटनाएँ अत्यंत यथार्थ प्रतीत होती हैं।

🔸 प्रतीकात्मकता

गोदान स्वयं त्याग, ईमानदारी और आत्मबलिदान का प्रतीक है। गाय भारतीय समाज में श्रद्धा की प्रतीक है, और उसकी प्राप्ति की चाह होरी की आकांक्षा को दर्शाती है।

🔸 संवादों की सजीवता

प्रेमचंद के संवाद अत्यंत प्रभावशाली हैं, जो पात्रों के मनोविज्ञान को उजागर करते हैं। विशेषकर धनिया और होरी के बीच के संवाद पाठक के मन को छू जाते हैं।


🧩 पात्रों का विश्लेषण

🔸 होरी

होरी एक संघर्षशील, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ किसान है जो हर परिस्थिति में परंपराओं और सामाजिक नियमों के अनुसार चलने की कोशिश करता है, लेकिन अंततः टूट जाता है।

🔸 धनिया

धनिया एक सशक्त महिला पात्र है जो अपने परिवार के लिए खड़ी होती है, अन्याय के विरुद्ध बोलती है, और अपने पति को बार-बार वास्तविकता से परिचित कराती है।

🔸 गोबर और झुनिया

ये दोनों पात्र नई सोच और स्वतंत्रता की प्रतीक हैं। गोबर पुरानी व्यवस्था से असंतुष्ट है और झुनिया एक दलित लड़की होते हुए भी समाज की बेड़ियों को तोड़ने की कोशिश करती है।


💡 पुस्तक से मिलने वाली शिक्षा 🪔

  • सामाजिक शोषण के विरुद्ध संघर्ष आवश्यक है।

  • परंपराओं का अंधानुकरण मनुष्य को पीड़ित कर सकता है।

  • स्त्रियाँ केवल घर की जिम्मेदारी तक सीमित नहीं हैं, वे निर्णय लेने में भी सक्षम हैं।

  • किसान समाज की रीढ़ होते हैं, परंतु उन्हें ही सबसे अधिक पीड़ा सहनी पड़ती है।


📝 निष्कर्ष: साहित्य के दर्पण में समाज का प्रतिबिंब

‘गोदान’ केवल एक उपन्यास नहीं है, बल्कि एक जीवंत सामाजिक दस्तावेज है। प्रेमचंद ने इस रचना के माध्यम से एक ऐसा चित्र प्रस्तुत किया है जो आज भी प्रासंगिक है। ग्रामीण भारत की पीड़ा, सामाजिक विषमता, नैतिक संघर्ष और मानवता की गहराई इस कृति को कालजयी बना देती है।
वर्तमान काल में वर्णित इसकी घटनाएँ, पात्र और विचार इसे और अधिक प्रभावशाली बनाते हैं।




प्रश्न 03. लेखन में विभिन्न प्रकार के खण्ड संरचनाओं का उपयोग करने के महत्व पर चर्चा करें।


🧱 परिचय: लेखन की नींव – खण्ड संरचना (Clause Structure)

🔸 खण्ड क्या होते हैं?

लेखन की दुनिया में "खण्ड (Clause)" एक ऐसा समूह होता है जिसमें एक कर्ता (Subject) और एक क्रिया (Verb) मौजूद होता है। ये खण्ड वाक्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ खण्ड स्वतंत्र होते हैं और अपने आप में पूरा वाक्य बनाते हैं, जबकि कुछ आश्रित होते हैं और अन्य खण्डों पर निर्भर करते हैं।

🔸 खण्ड संरचना का लेखन में महत्व

खण्डों का उचित उपयोग लेखन को प्रभावी, स्पष्ट और विविधतापूर्ण बनाता है। यह न केवल भाषा को अधिक जीवंत बनाता है, बल्कि पाठक को जानकारी को बेहतर ढंग से समझने और आत्मसात करने में मदद करता है।


🔹 खण्ड संरचनाओं के प्रमुख प्रकार 🧩

लेखन में मुख्यतः तीन प्रकार के खण्ड संरचनाओं का उपयोग किया जाता है:

✅ 1. स्वतंत्र खण्ड (Independent Clause)

  • यह अपने आप में एक पूरा वाक्य होता है।

  • इसमें एक स्पष्ट विचार व्यक्त किया जाता है।

📝 उदाहरण:
She writes daily.

✅ 2. आश्रित खण्ड (Dependent Clause)

  • यह अपने आप में पूर्ण अर्थ नहीं देता।

  • किसी स्वतंत्र खण्ड से जुड़कर ही इसका अर्थ स्पष्ट होता है।

📝 उदाहरण:
Because she loves writing...

✅ 3. संयुक्त संरचना (Compound/Complex Sentences)

  • इसमें एक से अधिक स्वतंत्र और/या आश्रित खण्ड शामिल होते हैं।

  • यह लेखन को विविधता और गहराई प्रदान करता है।

📝 उदाहरण:
Because she loves writing, she writes daily.


📚 लेखन में खण्ड संरचनाओं का महत्व


🔹 1. 🗣️ स्पष्टता (Clarity) प्रदान करता है

🔸 विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना

स्वतंत्र खण्ड विचार को सीधा और स्पष्ट ढंग से प्रस्तुत करता है। उदाहरण के लिए –
“The teacher entered the class.”
👉 यह एक पूर्ण, स्पष्ट विचार है।

🔸 जटिल जानकारी को समझाने में सहायक

जब जटिल अवधारणाओं को समझाना होता है, तो आश्रित खण्ड जोड़कर लेखन को अधिक स्पष्ट बनाया जा सकता है।
“Although the topic was difficult, the teacher explained it clearly.”


🔹 2. 🎯 जोर और प्राथमिकता को दर्शाना

लेखक यह तय कर सकता है कि किस विचार को पहले रखें और किसे बाद में, ताकि पाठक का ध्यान मुख्य बात पर केंद्रित रहे।

🔸 उदाहरण:

“Because the roads were flooded, the event was cancelled.”
👉 यहां जोर "roads were flooded" पर है।

“The event was cancelled because the roads were flooded.”
👉 यहां जोर "event was cancelled" पर है।


🔹 3. 🎨 विविधता और शैली का निर्माण

🔸 वाक्य की एकरसता से बचाव

लगातार एक जैसे वाक्यों से लेखन उबाऊ हो सकता है। खण्ड संरचनाओं के विविध प्रयोग से लेखन में लय और प्रवाह आता है।

📝 उदाहरण:

  • Simple: "He is tired. He went to sleep."

  • Complex: "Because he is tired, he went to sleep."

🔸 शैली में आकर्षण

खण्डों का संतुलन भाषा को प्रभावशाली और आकर्षक बनाता है। यह विशेष रूप से लेख, निबंध और ब्लॉग लेखन में काम आता है।


🔹 4. 🧠 विचारों के बीच संबंध स्थापित करता है

🔸 कारण, विरोध, समय, शर्त आदि दिखाना

आश्रित खण्डों की मदद से लेखक यह स्पष्ट कर सकता है कि दो विचारों के बीच कैसा संबंध है –
Why, When, Although, If, Since जैसे शब्दों से।

📝 उदाहरण:
“If you practice regularly, you will improve your skills.”

👉 यहां शर्त बताई जा रही है।


🔹 5. 📈 सूचनाओं को व्यवस्थित करने में सहायक

जब लेखक को बहुत सी सूचनाएँ एक साथ देनी हों, तब खण्डों की मदद से उन सूचनाओं को क्रमबद्ध और संगठित किया जा सकता है।

🔸 उदाहरण:

“While the students were preparing for the exam, the teacher shared some tips, and the principal encouraged them.”

👉 यह वाक्य एक साथ तीन कार्यों को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत कर रहा है।


🧠 अभ्यास: छात्रों के लिए उपयोगी प्रश्न

  1. एक वाक्य लिखिए जिसमें एक स्वतंत्र और एक आश्रित खण्ड हो।

  2. निम्न वाक्य को खण्डों में विभाजित कीजिए:
    “Although he was late, he submitted the project, and the teacher appreciated him.”


🔍 खण्ड संरचना का प्रभावी उपयोग कैसे करें?

🔸 संयोजन शब्दों का समझदारी से प्रयोग करें

जैसे: because, although, when, if, since, unless, so, but

🔸 वाक्य की लंबाई का ध्यान रखें

बहुत लंबे वाक्य पाठक को भ्रमित कर सकते हैं।

🔸 खण्डों का संतुलन बनाए रखें

स्वतंत्र और आश्रित खण्डों का उचित संतुलन लेखन को आकर्षक बनाता है।


📝 निष्कर्ष: खण्ड संरचना – लेखन की आत्मा

लेखन में विभिन्न प्रकार के खण्ड संरचनाओं का उपयोग करने से लेखन प्रभावशाली, स्पष्ट, विविधतापूर्ण और उद्देश्यपूर्ण बनता है।
खण्डों की समझ लेखक को यह तय करने की शक्ति देती है कि कौन सी जानकारी पहले आए, किस बात को विशेष रूप से उजागर किया जाए और किस ढंग से विचारों को एक सूत्र में पिरोया जाए।



प्रश्न 04  निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर एक निबन्ध लिखें:


(अ) भाषा और संस्कृति के बीच का सम्बन्ध


🧠 परिचय: भाषा और संस्कृति – दो समानांतर धाराएँ

🔸 भाषा – संप्रेषण का माध्यम

भाषा मनुष्य की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक है। यह विचारों, भावनाओं और सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम है। यह हमें एक-दूसरे से जोड़ती है, संवाद को सरल बनाती है और समाज को संगठित रूप देती है।

🔸 संस्कृति – जीवन जीने की शैली

संस्कृति किसी समाज के विश्वासों, परंपराओं, कला, नैतिक मूल्यों, रीति-रिवाजों और सामाजिक आचरण का समुच्चय है। यह हमें हमारी पहचान, दिशा और उद्देश्य प्रदान करती है।

🔸 दोनों के बीच गहरा संबंध

भाषा और संस्कृति का संबंध मछली और पानी जैसा है – एक के बिना दूसरे की कल्पना अधूरी है। भाषा, संस्कृति को व्यक्त करने, संरक्षित करने और आगे बढ़ाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।


🔹 📚 भाषा – संस्कृति का संवाहक माध्यम

🔸 सांस्कृतिक तत्वों की अभिव्यक्ति

हर संस्कृति की अपनी विशिष्ट भाषा होती है जो उसके लोकगीतों, कहावतों, कहानियों और धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से उस समाज की सोच और दर्शन को प्रकट करती है।

📝 उदाहरण:

  • संस्कृत में लिखे गए वेद और उपनिषद भारतीय संस्कृति के गहरे आयामों को उजागर करते हैं।

  • हिंदी लोकगीत, कहावतें और कहानियाँ उत्तर भारतीय संस्कृति का आइना हैं।

🔸 पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण

भाषा के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरागत ज्ञान, लोक साहित्य, इतिहास और नैतिक मूल्यों का हस्तांतरण होता है।


🔹 🎭 संस्कृति – भाषा को देती है रूप और दिशा

🔸 शब्दों का चयन और प्रयोग

किसी संस्कृति में प्रचलित मूल्य और जीवन दृष्टि यह तय करते हैं कि कौन-से शब्द अधिक प्रयोग किए जाएँगे, और कैसे प्रयोग किए जाएँगे
उदाहरण के लिए, भारतीय संस्कृति में "नमस्कार", "प्रणाम", "आशीर्वाद" जैसे शब्दों में संस्कार और विनम्रता निहित है।

🔸 बोलियों और मुहावरों का विकास

हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार वहां की भाषा में बोलियों, मुहावरों और लोकोक्तियों का विकास होता है, जो भाषा को अधिक जीवंत और सांस्कृतिक बनाते हैं।

🗣️ उदाहरण:

  • बंगाल में “ख़बोर राखो” (ध्यान रखना) जैसे वाक्यांश सांस्कृतिक संदर्भों से भरे होते हैं।

  • राजस्थान की "पधारो म्हारे देस" न केवल स्वागत है, बल्कि संस्कृति की आत्मा है।


🔹 🌏 भाषा और संस्कृति: सामाजिक पहचान के कारक

🔸 सांस्कृतिक विविधता की पहचान

भारत जैसे बहुभाषी देश में हर भाषा एक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है। तमिल, मलयालम, पंजाबी, गुजराती – सभी भाषाएँ अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं।

🔸 भाषायी पहचान से सामाजिक एकता

भाषा सामाजिक पहचान को मजबूत करती है और लोगों के बीच एकता, गर्व और स्वाभिमान की भावना को जाग्रत करती है।


🔹 📉 भाषा पर संकट: संस्कृति पर प्रभाव

🔸 भाषायी उपेक्षा

यदि किसी समाज की भाषा को कमजोर या नष्ट कर दिया जाए, तो उसकी संस्कृति भी धीरे-धीरे लुप्त हो जाती है।
वैश्वीकरण और अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण कई क्षेत्रीय भाषाएँ और उनकी सांस्कृतिक विशेषताएँ खतरे में हैं।

🔸 भाषायी संक्रमण

बहुत से युवा अपनी मातृभाषा के बजाय विदेशी भाषाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे पारंपरिक कहावतें, गीत, उत्सव और रीति-रिवाज उपेक्षित हो रहे हैं।


💡 भविष्य की दिशा: भाषा और संस्कृति की रक्षा कैसे करें?

🔸 मातृभाषा को प्राथमिकता दें

बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देना, भाषायी कहानियाँ सुनाना और साहित्य पढ़ाना आवश्यक है ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें।

🔸 लोक साहित्य और पारंपरिक कला का संरक्षण

हर क्षेत्र की लोककला, संगीत, नृत्य और साहित्य को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे संस्कृति के साथ भाषा भी जीवित रहेगी।

🔸 डिजिटल युग में भाषायी सामग्री को बढ़ावा

आज के समय में भाषाओं को बचाने के लिए डिजिटल मंचों पर मातृभाषा में सामग्री, वीडियो, ब्लॉग और एप्लिकेशन बनाने चाहिए।


🧠 निबंध से जुड़े संभावित अभ्यास प्रश्न

  1. भाषा और संस्कृति के बीच का संबंध स्पष्ट करते हुए उदाहरण सहित समझाइए।

  2. संस्कृति पर भाषा के प्रभाव की दो घटनाओं का वर्णन कीजिए।

  3. मातृभाषा संरक्षण के उपायों पर टिप्पणी कीजिए।


📝 निष्कर्ष: भाषा और संस्कृति – एक अविभाज्य संबंध

भाषा और संस्कृति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाषा न केवल संस्कृति को अभिव्यक्त करने का माध्यम है, बल्कि उसकी आत्मा भी है।
यदि भाषा जीवित रहेगी, तो संस्कृति भी सुरक्षित रहेगी।
अतः यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी भाषा और संस्कृति को समझे, संजोए और अगली पीढ़ी को सौंपे।


 (ब) क्या भारत में शिक्षा का निजीकरण किया जाना चाहिए?


📘 प्रस्तावना: शिक्षा का बदलता स्वरूप

📌 शिक्षा: अधिकार या उत्पाद?

भारत जैसे विकासशील देश में शिक्षा एक मौलिक अधिकार है, न कि कोई व्यापारिक वस्तु। किंतु बीते कुछ दशकों में शिक्षा का निजीकरण (Privatization of Education) एक तीव्र गति से बढ़ा है, जिससे यह सवाल उठता है — क्या शिक्षा को निजी हाथों में सौंपना उचित है? इस प्रश्न के उत्तर में कई पक्ष और विपक्ष की बातें सामने आती हैं।


📊 शिक्षा के निजीकरण का अर्थ

📌 निजीकरण से क्या अभिप्राय है?

शिक्षा का निजीकरण का अर्थ है:

  • सरकारी संस्थाओं की तुलना में निजी संस्थाओं का शिक्षा क्षेत्र में बढ़ता वर्चस्व।

  • निजी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा का संचालन।

  • सरकार की भूमिका केवल रेगुलेटरी या सीमित समर्थन तक सीमित होना।


✅ शिक्षा के निजीकरण के पक्ष में तर्क

📌 1. गुणवत्ता में सुधार

निजी शिक्षण संस्थान आमतौर पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी शिक्षक प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलती है।

📌 2. प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा

निजी और सरकारी संस्थाओं के बीच प्रतिस्पर्धा से गुणवत्ता और जवाबदेही दोनों बढ़ती हैं।

📌 3. नवाचार के अवसर

निजी संस्थान नए शिक्षण पद्धतियों, कोर्स डिज़ाइन और प्रैक्टिकल लर्निंग में अधिक निवेश करते हैं।

📌 4. सरकारी भार में कमी

प्रत्येक छात्र को मुफ्त शिक्षा देना सरकार के लिए संभव नहीं। निजी संस्थानों का होना सरकारी संस्थानों पर दबाव को कम करता है।


❌ शिक्षा के निजीकरण के विरोध में तर्क

📌 1. शिक्षा का व्यवसायीकरण

निजी संस्थानों में शिक्षा सेवा नहीं बल्कि व्यापार बन जाती है। फीस इतनी अधिक होती है कि गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लिए वहन करना कठिन हो जाता है।

📌 2. असमानता को बढ़ावा

सिर्फ धनवान वर्ग ही अच्छे संस्थानों में पढ़ पाता है, जबकि गरीब बच्चों को शिक्षा के समान अवसर नहीं मिलते, जिससे सामाजिक विषमता बढ़ती है।

📌 3. शिक्षा का उद्देश्य बदलना

जहां सरकारी शिक्षा संस्थान ज्ञान और व्यक्तित्व विकास पर जोर देते हैं, वहीं निजी संस्थान अक्सर सिर्फ डिग्री और प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते हैं।

📌 4. गुणवत्ता की गारंटी नहीं

हर निजी संस्थान उत्कृष्ट नहीं होता। कई संस्थाएं सिर्फ लाभ के लिए काम करती हैं, न कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए।


🎯 भारत में वर्तमान स्थिति

भारत में स्कूल स्तर पर 45% से अधिक बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, और उच्च शिक्षा में भी निजी विश्वविद्यालयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, निजी संस्थानों में फीस की विसंगति, एडमिशन में पारदर्शिता की कमी, और शिक्षकों के शोषण जैसी समस्याएं भी देखी जाती हैं।


📘 न्याय और समावेशिता की दृष्टि से विचार

📌 शिक्षा – एक सामाजिक दायित्व

संविधान का अनुच्छेद 21A यह कहता है कि 6 से 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देना राज्य की जिम्मेदारी है।
यदि शिक्षा पूरी तरह निजी हाथों में चली जाती है, तो यह संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के खिलाफ होगा।


📌 क्या हो सकता है संतुलित समाधान?

  1. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP Model)
    सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराएं।

  2. कड़ी निगरानी और नियमावली
    निजी संस्थानों पर रेगुलेटरी बॉडीज़ जैसे UGC, AICTE, NCERT आदि की सख़्त निगरानी हो।

  3. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण और सब्सिडी
    निजी संस्थानों में गरीब छात्रों को भी प्रवेश का अवसर मिले।

  4. शिक्षकों की योग्यता और वेतन संरचना पर नियंत्रण
    गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रशिक्षित शिक्षक अनिवार्य हों।


📝 निष्कर्ष: शिक्षा का निजीकरण – अवसर या खतरा?

भारत में शिक्षा का पूर्ण निजीकरण न तो व्यावहारिक है और न ही न्यायसंगत।
जहां एक ओर निजी संस्थान गुणवत्ता और संसाधन प्रदान कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा को व्यापार बनने से रोकना भी आवश्यक है।
इसलिए ज़रूरत है एक संतुलित नीति की — जिसमें शिक्षा का उद्देश्य सामाजिक न्याय, समावेशिता और ज्ञान का प्रसार बना रहे।



प्रश्न 05. निम्नलिखित विषयों पर एक अनुच्छेद लिखें:


📌 (अ) 🔗 सुसंगतता (Coherence)

सुसंगतता किसी भी लेखन या विचार को प्रभावशाली और स्पष्ट बनाने का मूल तत्व है। जब एक विचार से दूसरा विचार सही क्रम और तर्क के साथ जुड़ता है, तब पाठक को समझने में सुविधा होती है और लेखन प्रवाहमय बनता है। सुसंगतता के बिना कोई भी लेख बिखरा हुआ, अव्यवस्थित और असमझी प्रतीत होता है। यह वाक्य संरचना, अनुच्छेद निर्माण और विचारों की दिशा पर निर्भर करता है। जैसे कोई नदी बहते हुए अपने मार्ग को बनाए रखती है, वैसे ही लेखन में सुसंगतता लेखक को विषय पर केन्द्रित रहने और पाठक को भ्रमित न करने की क्षमता प्रदान करती है। प्रभावशाली संवाद, निबंध, आलेख या भाषण – सभी में सुसंगतता लेखन की आत्मा होती है।


📌 (ब) 🧠 तर्कसंगत पठन (Critical Reading)

तर्कसंगत पठन का अर्थ है पढ़ी गई जानकारी का विश्लेषणात्मक और चिंतनशील ढंग से मूल्यांकन करना। इसमें पाठक केवल शब्दों को नहीं पढ़ता, बल्कि यह सोचता है कि लेखक क्या कहना चाहता है, उसका दृष्टिकोण क्या है, और किन तथ्यों या तर्कों पर उसकी बात आधारित है। तर्कसंगत पठन से पाठक भ्रम, पक्षपात और अपूर्ण जानकारी से बच पाता है। यह क्षमता विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और सामान्य पाठकों के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब पाठक तर्कसंगत रूप से पढ़ता है, तो वह न केवल जानकारी ग्रहण करता है, बल्कि उस पर विचार करता है, प्रश्न उठाता है और निष्कर्ष निकालता है। यह पढ़ने को एक सक्रिय प्रक्रिया बनाता है।


📌 (स) 🌈 विविधता (Diversity)

विविधता जीवन की सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक है। यह किसी समाज, संस्कृति, भाषा, सोच, जाति, धर्म, लिंग और परंपराओं के अनेक रूपों और अभिव्यक्तियों को स्वीकार करने और उन्हें सम्मान देने की भावना है। विविधता से ही एकता का वास्तविक स्वरूप उभरता है, जहां भिन्नताओं को विरोध नहीं बल्कि सहयोग और समझ का माध्यम माना जाता है। भारत जैसे देश में विविधता हर क्षेत्र में देखी जा सकती है – खानपान, परिधान, त्योहार, भाषाएँ और विचारधाराएँ। यह सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है और नवाचार के अवसरों को जन्म देती है। विविधता को समझना और स्वीकार करना ही सह-अस्तित्व और मानवता की सबसे बड़ी सीख है।




प्रश्न 01. निबंध लिखने में शामिल चरण क्या हैं?


📖 परिचय: निबंध लेखन – विचारों की कलात्मक अभिव्यक्ति

निबंध लेखन भाषा और विचारों की वह कला है जिसमें लेखक किसी विषय पर सुसंगत, तार्किक और रचनात्मक ढंग से अपने विचार प्रस्तुत करता है। यह लेखन का वह रूप है, जो केवल जानकारी देने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उसमें लेखक की भावनाएँ, दृष्टिकोण, विश्लेषण और तर्क भी समाहित होते हैं। एक प्रभावशाली निबंध पाठक को विषय से जोड़ता है और सोचने के लिए प्रेरित करता है।

लेकिन एक अच्छा निबंध अपने आप नहीं लिखा जाता। इसके लिए कुछ सुनियोजित चरणों (Steps) का पालन आवश्यक होता है, जो लेखन को सुव्यवस्थित और प्रभावशाली बनाते हैं।


🧭 निबंध लेखन के मुख्य चरण 🪜


🔹 1. 🧠 विषय की समझ और विश्लेषण (Understanding the Topic)

🔸 विषय को ध्यान से पढ़ना

निबंध लेखन की पहली और सबसे आवश्यक प्रक्रिया है — विषय को गहराई से समझना। कई बार विषय सीधा होता है, लेकिन कभी-कभी उसमें छिपा हुआ अर्थ भी होता है।

📝 उदाहरण:

  • यदि विषय है — "प्रदूषण का प्रभाव", तो इसका अर्थ सिर्फ कारण गिनाना नहीं बल्कि प्रभावों का विश्लेषण करना भी होगा।

🔸 टॉपिक का उद्देश्य समझना

यह जानना जरूरी है कि निबंध सूचनात्मक, तर्कात्मक या विश्लेषणात्मक किस प्रकार का है, ताकि लेखन की दिशा तय की जा सके।


🔹 2. 📝 मस्तिष्क-झंकार (Brainstorming Ideas)

🔸 विचार एकत्र करना

विषय से संबंधित प्रासंगिक बिंदु, उदाहरण, आँकड़े, घटनाएँ और अनुभव इकट्ठा किए जाते हैं। यह प्रक्रिया रचनात्मक सोच को उभारने में मदद करती है।

📌 सुझाव:

  • मुख्य कारण

  • प्रभाव

  • समाधान

  • व्यक्तिगत राय

🔸 विचारों का प्रारंभिक क्रम तय करना

जो विचार मन में आ रहे हैं, उन्हें बिना क्रम के कागज पर नोट कर लें, फिर उन्हें तार्किक क्रम में सजाना शुरू करें।


🔹 3. 🧱 रूपरेखा बनाना (Creating an Outline)

🔸 तीन भागों में विभाजन

निबंध को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा जाता है:

  1. भूमिका (Introduction)

  2. मुख्य विषय-वस्तु (Body)

  3. निष्कर्ष (Conclusion)

🔸 प्रत्येक भाग के अंतर्गत उपबिंदु तय करना

  • भूमिका में: विषय का परिचय और पृष्ठभूमि

  • मुख्य भाग में: कारण, प्रभाव, पक्ष-विपक्ष, उदाहरण

  • निष्कर्ष में: सारांश और लेखक की राय


🔹 4. ✍️ प्रारंभिक लेखन (Draft Writing)

🔸 भूमिका – प्रभावशाली शुरुआत

भूमिका ऐसी होनी चाहिए जो पाठक का ध्यान खींचे, और विषय से उसे जोड़ दे।

📖 उदाहरण:
“आज का युग विज्ञान का है, परंतु हम जिस तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है।”

🔸 मुख्य भाग – गहराई से विवेचन

यह निबंध का सबसे बड़ा और मुख्य हिस्सा होता है। इसमें विचारों को क्रमबद्ध, उदाहरणों से समृद्ध और तार्किक ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए।

💡 टिप्स:

  • पैराग्राफ छोटे रखें

  • हर पैराग्राफ में एक विचार

  • उपयुक्त उदाहरण और आँकड़ों का प्रयोग करें

🔸 निष्कर्ष – संक्षिप्त और प्रभावशाली अंत

निष्कर्ष में पूरे निबंध का सारांश और लेखक की सोच को सम्मिलित किया जाता है। यह भाग प्रेरणादायक और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए।

📘 उदाहरण:
“समस्या जटिल जरूर है, लेकिन यदि हम मिलकर प्रयास करें तो समाधान असंभव नहीं।”


🔹 5. 🔍 संपादन और सुधार (Editing and Refining)

🔸 भाषा की शुद्धता

लेखन के बाद व्याकरण, वर्तनी और विराम चिह्नों की जाँच करें।

🔸 अनुच्छेदों का क्रम और प्रवाह

देखें कि विचारों में प्राकृतिक प्रवाह बना हुआ है या नहीं। कहीं भी टूटन या दोहराव हो तो उसे संशोधित करें।

🔸 अनावश्यक शब्दों को हटाएँ

लेखन में संक्षिप्तता और सटीकता लाने के लिए अनावश्यक या दोहराए गए शब्दों को हटाएँ।


🔹 6. 🗣️ पुनः पठन और प्रतिक्रिया (Re-reading & Feedback)

🔸 स्वयं पढ़ना

पूरा निबंध एक बार स्वयं पढ़कर समझें कि क्या वह विषय के साथ न्याय कर रहा है।

🔸 दूसरों से सुझाव लेना

यदि संभव हो तो शिक्षक, मित्र या परिजनों से निबंध पढ़वाकर प्रतिक्रिया लें।


🧠 अभ्यास के लिए टिप्स

  • रोज़ एक छोटा निबंध लिखने की आदत डालें।

  • समाचार पत्रों और पत्रिकाओं से विषय लें।

  • निबंध लेखन की प्रतियोगिताओं में भाग लें।


📝 निष्कर्ष: योजना + अभ्यास = उत्कृष्ट निबंध लेखन

निबंध लेखन केवल भाषा की कला नहीं, बल्कि विचारों के संतुलित और प्रभावी प्रस्तुतीकरण की क्षमता है। यदि उपयुक्त चरणों का पालन किया जाए – विषय की समझ, विचारों की योजना, रूपरेखा निर्माण, ड्राफ्ट लेखन, संपादन और पुनर्पाठन – तो कोई भी विद्यार्थी या लेखक उत्कृष्ट निबंध लेखन में दक्ष हो सकता है।

याद रखिए, हर अच्छा निबंध एक अच्छी योजना से शुरू होता है। 🌟




प्रश्न 02. किसी भी चार मुहावरेदार क्रियाओं (Phrasal Verbs) के अर्थ और उपयोग को समझाएं और प्रत्येक के दो उदाहरण प्रदान करें।


🧠 परिचय: मुहावरेदार क्रियाएँ – भाषा की जीवंत अभिव्यक्ति

मुहावरेदार क्रियाएँ (Phrasal Verbs) अंग्रेज़ी भाषा की एक विशेष विशेषता हैं। जब कोई मुख्य क्रिया (Verb) किसी पूर्वसर्ग (Preposition) या क्रियाविशेषण (Adverb) के साथ मिलती है और उसका अर्थ शाब्दिक न होकर अलग, मुहावरेदार या रूपकात्मक हो जाता है, तो वह Phrasal Verb कहलाती है।

📝 उदाहरण:

  • Give up” का शाब्दिक अर्थ होता है “दे देना”, लेकिन इसका मुहावरेदार अर्थ होता है “हार मान लेना”।

इनका प्रयोग लेखन और बोलचाल दोनों को अधिक प्राकृतिक, प्रभावशाली और भावनात्मक बनाता है।


🧾 प्रस्तुत हैं चार प्रमुख मुहावरेदार क्रियाएँ उनके अर्थ, उपयोग और उदाहरणों सहित:


🔹 1. 💔 Give up – हार मान लेना / त्याग देना

🔸 अर्थ:

किसी कार्य, आदत या प्रयास को छोड़ देना या हार मान लेना

🔸 प्रयोग की स्थिति:

इसका प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी कठिन कार्य या आदत को आगे नहीं करता या उसे त्याग देता है।

🔹 उदाहरण 1:

👉 He gave up smoking after ten years.
(उसने दस साल बाद धूम्रपान छोड़ दिया।)

🔹 उदाहरण 2:

👉 Don’t give up, success is near.
(हार मत मानो, सफलता पास है।)


🔹 2. 🔎 Look into – जांच करना / छानबीन करना

🔸 अर्थ:

किसी मामले या विषय की गहराई से जांच या विश्लेषण करना।

🔸 प्रयोग की स्थिति:

जब कोई अधिकारी, संस्था या व्यक्ति किसी समस्या या घटना की जांच करता है।

🔹 उदाहरण 1:

👉 The police are looking into the robbery case.
(पुलिस चोरी के मामले की जांच कर रही है।)

🔹 उदाहरण 2:

👉 We will look into your complaint soon.
(हम आपकी शिकायत की जल्द जांच करेंगे।)


🔹 3. 🎉 Bring up – चर्चा करना / परवरिश करना

🔸 अर्थ:

  1. किसी विषय को चर्चा में उठाना

  2. किसी बच्चे की परवरिश करना

🔸 प्रयोग की स्थिति:

दोनों अर्थों में प्रयोग होता है – सामाजिक बातचीत में किसी विषय को उठाने के लिए और पारिवारिक संदर्भ में बच्चों के पालन-पोषण के लिए।

🔹 उदाहरण 1:

👉 She brought up an important point in the meeting.
(उसने बैठक में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया।)

🔹 उदाहरण 2:

👉 They brought up their children with love and care.
(उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश प्यार और देखभाल से की।)


🔹 4. 🔌 Turn down – अस्वीकार करना / मना करना

🔸 अर्थ:

किसी प्रस्ताव, निमंत्रण या अनुरोध को विनम्रता से मना कर देना

🔸 प्रयोग की स्थिति:

इसका उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अवसर, नौकरी या प्रस्ताव को अस्वीकार करता है।

🔹 उदाहरण 1:

👉 He turned down the job offer because of low salary.
(उसने कम वेतन के कारण नौकरी का प्रस्ताव ठुकरा दिया।)

🔹 उदाहरण 2:

👉 She turned down the invitation to the party.
(उसने पार्टी के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।)


📚 मुहावरेदार क्रियाओं का भाषा में महत्व

🔸 भाषा को बनाती हैं प्राकृतिक

मुहावरेदार क्रियाएँ भाषा को कम औपचारिक और अधिक संवादात्मक बनाती हैं। इन्हें बोलचाल में शामिल करने से संवाद अधिक सहज लगता है।

🔸 भावों की गहराई प्रकट करती हैं

ये क्रियाएँ किसी भाव या कार्य को अधिक गहराई से व्यक्त करती हैं। उदाहरण के लिए, “reject” की तुलना में “turn down” अधिक सौम्य प्रतीत होता है।

🔸 लिखित और मौखिक दोनों में समान उपयोगी

Phrasal Verbs का प्रयोग निबंध लेखन, पत्र लेखन, साक्षात्कार और भाषणों में प्रभावी संप्रेषण के लिए किया जा सकता है।


🧠 पुनरावलोकन (Quick Recap)

Phrasal Verbअर्थउदाहरण
Give upहार मानना / त्याग देनाHe gave up smoking.
Look intoजांच करनाPolice looked into the case.
Bring upचर्चा करना / परवरिश करनाShe brought up an issue.
Turn downअस्वीकार करनाHe turned down the offer.


📝 निष्कर्ष: Phrasal Verbs – अभिव्यक्ति की ताकत

मुहावरेदार क्रियाएँ किसी भाषा की सजीवता और गहराई को दर्शाती हैं। इनका सही और सटीक उपयोग न केवल शब्दावली को समृद्ध बनाता है, बल्कि विचारों को भी अधिक प्रभावशाली और सटीक ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करता है।
Give up, Look into, Bring up, Turn down जैसी phrasal verbs का प्रयोग करके हम अपने लेखन और बातचीत को प्राकृतिक, रोचक और अर्थपूर्ण बना सकते हैं।




प्रश्न 03. तर्कात्मक निबंध और आत्म-निरीक्षण निबंध में क्या अंतर है?


🧠 परिचय: निबंध लेखन की दो अलग दिशाएँ

निबंध लेखन विभिन्न प्रकारों में किया जाता है, जिनमें से दो प्रमुख प्रकार हैं — तर्कात्मक निबंध (Argumentative Essay) और आत्म-निरीक्षण निबंध (Reflective Essay)
जहाँ एक ओर तर्कात्मक निबंध में तथ्यों, प्रमाणों और तर्कों के माध्यम से किसी विषय पर विचार प्रस्तुत किए जाते हैं, वहीं आत्म-निरीक्षण निबंध में लेखक अपने अनुभवों, भावनाओं और अंतर्मन की प्रतिक्रिया को प्रकट करता है।

इन दोनों शैलियों का स्वरूप, उद्देश्य और लेखन शैली अलग होती है। आइए, दोनों के बीच अंतर को क्रमबद्ध और स्पष्ट ढंग से समझते हैं।


🔍 मुख्य अंतर: तर्क बनाम अनुभूति

बिंदुतर्कात्मक निबंध 🧾आत्म-निरीक्षण निबंध 🔮
स्वरूपतर्क-आधारितअनुभव और आत्मचिंतन पर आधारित
उद्देश्यपाठक को किसी पक्ष में राज़ी करनाखुद को या किसी अनुभव को समझना
भाषा शैलीऔपचारिक, तार्किकभावनात्मक, वैयक्तिक
प्रमुख तत्वतथ्य, तर्क, उदाहरणभावनाएँ, अनुभव, विचार
दृष्टिकोणनिष्पक्ष या पक्षपातीव्यक्तिगत
पाठक पर प्रभावसोचने और निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता हैसहानुभूति और आत्ममंथन के लिए प्रेरित करता है


🧾 तर्कात्मक निबंध (Argumentative Essay) – तर्क और पक्ष का संतुलन


🔸 📚 परिभाषा

तर्कात्मक निबंध वह निबंध होता है जिसमें लेखक किसी विषय पर पक्ष या विपक्ष में तर्कों के आधार पर विचार प्रस्तुत करता है। इसका उद्देश्य पाठक को एक निश्चित विचारधारा की ओर प्रभावित करना या राज़ी करना होता है।


🔸 🔍 विशेषताएँ

✅ स्पष्ट प्रस्तावना (Clear Thesis Statement)

लेखक स्पष्ट रूप से बताता है कि वह किस पक्ष में है।

✅ सशक्त तर्क और प्रमाण

प्रत्येक तर्क को तथ्यों, शोध, आँकड़ों, उदाहरणों से सिद्ध किया जाता है।

✅ विरोधी तर्कों का खंडन

न केवल अपने पक्ष को प्रस्तुत करना, बल्कि विरोधी पक्ष का खंडन करना भी आवश्यक होता है।


🔸 ✍️ उदाहरण

विषय: “क्या सोशल मीडिया समाज के लिए हानिकारक है?”

इस विषय पर तर्कात्मक निबंध में लेखक यह प्रमाणित करने का प्रयास करेगा कि सोशल मीडिया के सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव अधिक हैं।


🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध (Reflective Essay) – भावनाओं की गहराई


🔸 📘 परिभाषा

आत्म-निरीक्षण निबंध वह निबंध होता है जिसमें लेखक किसी अनुभव, घटना या विषय पर अपने आंतरिक विचारों और भावनाओं को साझा करता है। इसका उद्देश्य स्वयं को समझना और आत्ममंथन करना होता है।


🔸 🌼 विशेषताएँ

✅ व्यक्तिगत अनुभव

निबंध लेखक के अपने जीवन के अनुभवों पर आधारित होता है।

✅ भावनात्मक शैली

लेखन शैली में सहानुभूति, संवेदना और आत्मविश्लेषण स्पष्ट होता है।

✅ सीख और निष्कर्ष

लेखक अंत में यह बताता है कि अनुभव से उसे क्या सीख मिली और वह कैसे बदला।


🔸 ✍️ उदाहरण

विषय: “महामारी के समय में मेरी जीवन यात्रा”

इस विषय पर आत्म-निरीक्षण निबंध में लेखक बताएगा कि लॉकडाउन के समय उसे किन भावनाओं, चुनौतियों और आत्मबोध का अनुभव हुआ।


📌 दोनों निबंधों के बीच प्रमुख अंतर (Detailed Comparison)


🔹 🧠 1. उद्देश्य (Purpose)

🧾 तर्कात्मक निबंध:

👉 किसी पक्ष को सही ठहराना और पाठक को सहमत करना।

🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध:

👉 स्वयं को समझना और आत्मबोध को व्यक्त करना।


🔹 💬 2. दृष्टिकोण (Point of View)

🧾 तर्कात्मक निबंध:

👉 तीसरे पुरुष (third person) में अधिकतर लिखा जाता है – जैसे, "It is believed that..."

🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध:

👉 पहले पुरुष (first person) में लिखा जाता है – जैसे, "I felt that..." या "मुझे महसूस हुआ कि..."


🔹 🧩 3. संरचना (Structure)

🧾 तर्कात्मक निबंध:

  • प्रस्तावना (Introduction)

  • तर्क (Arguments)

  • प्रतितर्कों का खंडन (Counter-arguments)

  • निष्कर्ष

🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध:

  • अनुभव की भूमिका

  • भावनात्मक प्रतिक्रिया

  • आत्ममंथन और परिवर्तन

  • सीख और निष्कर्ष


🔹 ✨ 4. लेखन शैली (Writing Style)

🧾 तर्कात्मक निबंध:

👉 औपचारिक, विश्लेषणात्मक और तर्कपूर्ण

🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध:

👉 सहज, भावनात्मक और वैयक्तिक


🔹 🎯 5. पाठक पर प्रभाव

🧾 तर्कात्मक निबंध:

👉 पाठक के विचारों और दृष्टिकोण को प्रभावित करता है।

🔮 आत्म-निरीक्षण निबंध:

👉 पाठक को लेखक की भावनाओं से संबंध जोड़ने और खुद पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।


📝 निष्कर्ष: सोच और अनुभूति – दोनों की अपनी अहमियत

तर्कात्मक और आत्म-निरीक्षण निबंध, दोनों ही निबंध लेखन की अलग-अलग विधाएँ हैं।
जहाँ तर्कात्मक निबंध विचारों को तर्क और प्रमाण से सशक्त करता है, वहीं आत्म-निरीक्षण निबंध अनुभव और आत्मबोध की अभिव्यक्ति है।
एक समाज और व्यक्ति के संतुलित विकास के लिए दोनों प्रकार के लेखन आवश्यक हैं — एक सोच को धार देता है और दूसरा आत्मा को गहराई




प्रश्न 04. समनाम (Homonyms), समलेख (Homographs), और समध्वनि (Homophones) के बीच के अंतरों को समझाएं, और प्रत्येक के दो उदाहरण दें।


📖 परिचय: शब्दों की समानता में छिपा भेद

भाषा की दुनिया में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो दिखने या सुनने में समान होते हैं, लेकिन उनके अर्थ, प्रयोग और संदर्भ अलग होते हैं। इन्हीं शब्दों को तीन प्रमुख श्रेणियों में बाँटा जाता है:

  • समनाम (Homonyms)

  • समलेख (Homographs)

  • समध्वनि (Homophones)

ये तीनों प्रकार भाषा को रोचक और जटिल बनाते हैं। इनका सही उपयोग लेखन और पठन में सटीकता और स्पष्टता लाता है।


🔁 समनाम (Homonyms) – नाम एक, अर्थ अनेक


🔸 🧠 परिभाषा

Homonyms वे शब्द होते हैं जिनका उच्चारण (pronunciation) और वर्तनी (spelling) एक जैसी होती है, लेकिन उनके अर्थ और प्रयोग अलग होते हैं।

👉 सरल भाषा में: "एक जैसे शब्द, अलग-अलग अर्थ"


🔹 ✍️ उदाहरण 1: Bat

  • 🏏 Bat (noun) – क्रिकेट खेलने वाला बल्ला
    He hit the ball with a bat.

  • 🦇 Bat (noun) – चमगादड़
    A bat was flying in the cave.


🔹 ✍️ उदाहरण 2: Bank

  • 🏦 Bank (noun) – जहाँ पैसे रखे जाते हैं
    I went to the bank to withdraw cash.

  • 🌊 Bank (noun) – नदी का किनारा
    They sat on the bank of the river.


✍️ समलेख (Homographs) – लेखन समान, उच्चारण व अर्थ अलग


🔸 📚 परिभाषा

Homographs वे शब्द होते हैं जिनकी वर्तनी एक जैसी होती है, लेकिन उनका उच्चारण (pronunciation) और अर्थ अलग होता है।

👉 आसान शब्दों में: "स्पेलिंग एक, मतलब और बोलने का तरीका अलग"


🔹 ✍️ उदाहरण 1: Lead

  • 📌 Lead (leed) – नेतृत्व करना (Verb)
    He will lead the team.

  • Lead (led) – सीसा (धातु)
    Lead is a heavy metal.


🔹 ✍️ उदाहरण 2: Tear

  • 😢 Tear (teer) – आँसू
    She had a tear in her eye.

  • 🧵 Tear (tair) – फाड़ना
    Don’t tear the paper.


🔊 समध्वनि (Homophones) – ध्वनि समान, वर्तनी व अर्थ अलग


🔸 🔉 परिभाषा

Homophones वे शब्द होते हैं जिनका उच्चारण समान होता है, लेकिन उनकी वर्तनी और अर्थ भिन्न होते हैं।

👉 यानी: "एक जैसी आवाज़, अलग spelling और अर्थ"


🔹 ✍️ उदाहरण 1: Right / Write

  • Right – सही या दिशा (Right side)
    You are right.

  • ✍️ Write – लिखना
    Please write your name.


🔹 ✍️ उदाहरण 2: Flour / Flower

  • 🧂 Flour – आटा
    We need flour to make bread.

  • 🌸 Flower – फूल
    She gave me a flower.


📊 समनाम, समलेख और समध्वनि – तुलना सारणी

विशेषतासमनाम (Homonyms)समलेख (Homographs)समध्वनि (Homophones)
Spelling (वर्तनी)समानसमानभिन्न
Pronunciation (उच्चारण)समानभिन्नसमान
Meaning (अर्थ)भिन्नभिन्नभिन्न
उदाहरणBat, BankLead, TearWrite, Right


📌 इन शब्दों का भाषा में महत्व


🔹 📚 1. शब्दावली को समृद्ध बनाते हैं

इन शब्दों का प्रयोग करने से आपकी भाषा प्रभावशाली और विविधतापूर्ण बनती है।


🔹 🧠 2. पाठ की समझ में गहराई लाते हैं

समनाम, समलेख और समध्वनि का सही अर्थ समझकर ही कोई पाठक सही व्याख्या कर सकता है


🔹 🎯 3. रचनात्मक लेखन और कविता में विशेष उपयोगी

इन शब्दों का इस्तेमाल कविता, कहावतों और मुहावरों में होता है, जिससे भाषा खूबसूरत और कलात्मक बनती है।


📝 निष्कर्ष: समानता में छिपा अंतर समझना है जरूरी

समनाम, समलेख और समध्वनि – तीनों शब्द समूह सुनने या दिखने में भले समान लगते हैं, लेकिन उनके अर्थ और प्रयोग भिन्न होते हैं।
भाषा के विद्यार्थी और लेखक के लिए इनका सही ज्ञान अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे शब्दों का प्रयोग संदर्भानुसार और प्रभावी रूप से कर सकें।

👉 इन तीनों का अंतर समझना न केवल भाषा को समृद्ध करता है, बल्कि सही संप्रेषण और व्याख्या की कुंजी भी बनता है।




 प्रश्न 05. समय के क्रिया विशेषण खण्ड वाले आठ वाक्य लिखें।


🕰️ समय के क्रिया विशेषण खण्ड (Adverbial Clauses of Time)

समय के क्रिया विशेषण खण्ड वे वाक्यांश होते हैं जो यह बताते हैं कि क्रिया कब हुई, कितनी देर तक हुई या किस समय से हुई। ये वाक्य आमतौर पर when, while, before, after, until, as soon as, since, as जैसे शब्दों से शुरू होते हैं।


✍️ ⏰ आठ उदाहरणात्मक वाक्य


1️⃣ ⏰ जब मैं स्कूल पहुँचा, तब बारिश शुरू हो गई।

When I reached school, it started raining.


2️⃣ ⏰ जब तक सूरज नहीं डूबा, वे खेत में काम करते रहे।

They kept working in the field until the sun set.


3️⃣ ⏰ जब वह बोल रहा था, तब मैं ध्यान से सुन रहा था।

I was listening carefully while he was speaking.


4️⃣ ⏰ जैसे ही वह घर पहुँचा, उसने खाना माँगा।

As soon as he reached home, he asked for food.


5️⃣ ⏰ मैं तब तक रुका रहा जब तक वह वापस नहीं आया।

I stayed there until he returned.


6️⃣ ⏰ जब परीक्षा समाप्त हुई, तब हम बाहर गए।

When the exam ended, we went outside.


7️⃣ ⏰ जैसे ही बारिश रुकी, बच्चे खेलने चले गए।

As soon as the rain stopped, the children went out to play.


8️⃣ ⏰ जब से मैंने तुम्हें देखा है, मैं सोच में डूबा हूँ।

I have been lost in thought since I saw you.


टिप्स: समय खण्ड पहचानने का सरल तरीका

  • यदि वाक्य में "कब?", "कब से?", "कब तक?" जैसे प्रश्नों का उत्तर मिल रहा हो – तो वहाँ समय का क्रिया विशेषण खण्ड होता है।

  • ये वाक्य खण्ड अक्सर दो भागों में बँटे होते हैं – एक मुख्य वाक्य और दूसरा समय वाचक उपवाक्य


प्रश्न 06 गद्यांश को ध्यान से पढ़े और तय करें कि कथन सत्य (T) है या असत्य (F):


Artificial Intelligence (AI) is transforming the education sector in various ways. Al-powered adaptive learning systems adjust the difficulty level of course materials based on individual students' performance, providing personalized learning experiences. Al-powered chatbots and virtual teaching assistants help teachers with tasks. such as grading, feedback, and student support. AI also enables the creation of intelligent tutoring systems, which offer one-on-one support to students. Furthermore, Al helps teachers identify knowledge gaps and develop targeted interventions.


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शिक्षा क्षेत्र को विभित्र तरीकों से बदल रहा है। एआई संचालित अनुकूली शिक्षण प्रणाली पाठ्यक्रम सामग्री के कठिनाई स्तर को व्यक्तिगत छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर समायोजित करती है, जिससे व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव प्रदान किए जाते हैं। एआई-संचालित बैटवॉट और वर्चुअल शिक्षण सहायक शिक्षकों को ग्रेडिंग, फीडबैक, और छात्र समर्थन जैसे कार्यों में मदद करते हैं। एआई इंटेलिजेंट ट्यूटोरियल सिस्टम बनाने में भी सक्षम बनाता है, जो छात्रों को एक-एक समर्थन प्रदान करते हैं। इसके अलावा, एआई शिक्षकों को ज्ञान की खाई को पहचानने और लक्षित हस्तक्षेप विकसित करने में मदद करता है।


🧠 गद्यांश आधारित कथनों के उत्तर (True/False)

क्रमांककथनउत्तर
(i)AI-powered adaptive learning systems adjust course material based on teachers' preferences.False – छात्रों के प्रदर्शन के अनुसार समायोजित किया जाता है।
(ii)AI chatbots and assistants can replace teachers entirely.False – वे केवल सहायता करते हैं, पूरी तरह नहीं बदलते।
(iii)AI enables intelligent tutoring systems that support one-on-one help.True
(iv)AI helps teachers identify knowledge gaps and develop interventions.True
(v)Adaptive learning systems are only for students with learning disabilities.False – सभी छात्रों के लिए उपयोगी हैं।
(vi)AI can analyze vast data for learning insights.True
(vii)AI virtual teaching assistants can provide real-time feedback.True
(viii)AI in teaching is limited to online courses and degrees.False – ऐसा सीमित नहीं है।
(ix)AI can increase student engagement and motivation.True
(x)AI teaching systems give personalized attention.True
(xi)AI helps teachers update and improve curriculum.True
(xii)AI-based teaching allows self-paced learning.True


प्रश्न 7: खाली स्थानों की पूर्ति कीजिए — (as, when या while का प्रयोग करते हुए)

Q. Complete the following sentences using: as, when or while appropriately.

✍️ उत्तर (Answer in Hindi & English):

क्रम संख्यावाक्य (Sentence in English)उत्तर (Correct Word)हिंदी अनुवाद
1.I will meet you ______ I finish my work.whenमैं तुमसे मिलूंगा जब मैं अपना काम पूरा कर लूंगा।
2.She sings beautifully ______ she plays the guitar.whileवह सुंदरता से गाती है जबकि वह गिटार बजाती है।
3.The flowers bloom ______ the weather is warm.whenफूल खिलते हैं जब मौसम गर्म होता है।
4.He will call you ______ he reaches home.whenवह तुम्हें फोन करेगा जब वह घर पहुंचेगा।
5.The teacher was explaining the lesson ______ the students were taking notes.whileशिक्षक पाठ समझा रहे थे जबकि छात्र नोट्स ले रहे थे।
6.I will be waiting for you ______ you arrive.until/whenमैं तुम्हारा इंतजार कर रहा होऊंगा जब तक/जब तुम आओगे।
7.The baby laughed ______ her mother was playing with her.whileबच्ची हँस रही थी जबकि उसकी माँ उसके साथ खेल रही थी।
8.The company will launch the new product ______ the market research is completed.whenकंपनी नया उत्पाद तब लॉन्च करेगी जब मार्केट रिसर्च पूरी हो जाएगी।
9.I will be studying for my exam ______ my friends are watching TV.whileमैं अपनी परीक्षा की पढ़ाई कर रहा होऊंगा जबकि मेरे दोस्त टीवी देख रहे होंगे।
10.She got tired ______ she was running in the park.whileवह थक गई जबकि वह पार्क में दौड़ रही थी।
11.The company will announce the winner ______ the contest is over.whenकंपनी विजेता की घोषणा करेगी जब प्रतियोगिता समाप्त होगी।
12.He will be working on his project ______ his colleagues are on vacation.whileवह अपनी परियोजना पर काम करेगा जबकि उसके सहकर्मी छुट्टी पर होंगे।




 प्रश्न 8: निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया विशेषण उपवाक्य (Adverb Clause) को पहचानिए, उसका प्रकार बताइए, और मुख्य वाक्य में उस शब्द को बताइए जिसे यह प्रभावित करता है।

Q. Pick out the Adverb Clauses, tell the kind of each clause and point out the word in the main clause which it modifies.


1️⃣ Sentence:

Forgive us as we forgive our enemies.
हमें क्षमा करो जैसे हम अपने शत्रुओं को क्षमा करते हैं।

  • Adverb Clause: as we forgive our enemies

  • Type (प्रकार): Reason (कारण)

  • Modifies (प्रभाव डालता है): Forgive


2️⃣ Sentence:

He did it as I told him.
उसने वैसा ही किया जैसा मैंने उसे बताया था।

  • Adverb Clause: as I told him

  • Type: Manner (रीति)

  • Modifies: did


3️⃣ Sentence:

His pity gave ere charity began.
उसकी दया पहले ही दिख गई जब दान शुरू भी नहीं हुआ था।

  • Adverb Clause: ere charity began

  • Type: Time (समय)

  • Modifies: gave


4️⃣ Sentence:

Some people act as though they could do no wrong.
कुछ लोग ऐसे व्यवहार करते हैं मानो वे कोई गलती कर ही नहीं सकते।

  • Adverb Clause: as though they could do no wrong

  • Type: Manner (रीति)

  • Modifies: act


5️⃣ Sentence:

Fools rush in where angels fear to tread.
मूर्ख वहाँ घुस जाते हैं जहाँ देवदूत भी कदम रखने से डरते हैं।

  • Adverb Clause: where angels fear to tread

  • Type: Place (स्थान)

  • Modifies: rush in


6️⃣ Sentence:

Enough is as good as a feast.
पर्याप्त भोजन एक दावत के बराबर होता है।

  • Adverb Clause: as good as a feast

  • Type: Comparison (तुलना)

  • Modifies: is


7️⃣ Sentence:

He speaks better than he writes.
वह बोलता अच्छा है जितना वह लिखता है।

  • Adverb Clause: than he writes

  • Type: Comparison (तुलना)

  • Modifies: speaks


8️⃣ Sentence:

The earth is larger than the moon.
पृथ्वी चंद्रमा से बड़ी है।

  • Adverb Clause: than the moon

  • Type: Comparison (तुलना)

  • Modifies: is


9️⃣ Sentence:

The fire alarm went off when the students were taking their exam.
जब छात्र परीक्षा दे रहे थे, तभी फायर अलार्म बज गया।

  • Adverb Clause: when the students were taking their exam

  • Type: Time (समय)

  • Modifies: went off


🔟 Sentence:

She will start her new job when she returns from her vacation.
वह अपनी नई नौकरी शुरू करेगी जब वह छुट्टी से लौटेगी।

  • Adverb Clause: when she returns from her vacation

  • Type: Time (समय)

  • Modifies: will start


1️⃣1️⃣ Sentence:

The company’s profits increased when the demand for their products rose.
कंपनी का मुनाफा तब बढ़ा जब उनके उत्पादों की मांग बढ़ी।

  • Adverb Clause: when the demand for their products rose

  • Type: Time (समय)

  • Modifies: increased


1️⃣2️⃣ Sentence:

The teacher will discuss the assignment when the students have finished their project.
शिक्षक असाइनमेंट पर चर्चा करेंगे जब छात्र अपनी परियोजना पूरी कर लेंगे।

  • Adverb Clause: when the students have finished their project

  • Type: Time (समय)

  • Modifies: will discuss



 प्रश्न 08: निम्नलिखित वाक्यों में क्रियाविशेषण खण्डों को चुनें, प्रत्येक खण्ड का प्रकार बताएं और मुख्य वाक्य में उस शब्द को बताएं जिसे यह संशोधित करता है।


📖 क्रियाविशेषण खण्ड (Adverb Clauses) क्या होते हैं?

क्रियाविशेषण खण्ड वे उपवाक्य होते हैं जो मुख्य वाक्य में क्रिया, विशेषण या अन्य क्रियाविशेषण को समय, स्थान, कारण, रीति, शर्त या तुलना के आधार पर स्पष्ट करते हैं।


📌 (i) हमें क्षमा करें जैसे हम अपने दुश्मनों को क्षमा करते हैं।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जैसे हम अपने दुश्मनों को क्षमा करते हैं

  • प्रकार: रीति (Manner)

  • संशोधित शब्द: क्षमा करें (मुख्य क्रिया)


📌 (ii) उसने ऐसा किया जैसा मैंने उसे बताया था।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जैसा मैंने उसे बताया था

  • प्रकार: रीति (Manner)

  • संशोधित शब्द: किया (मुख्य क्रिया)


📌 (iii) उसकी दया पहले ही शुरू हो गई थी जब चैरिटी शुरू हुई।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जब चैरिटी शुरू हुई

  • प्रकार: समय (Time)

  • संशोधित शब्द: शुरू हो गई थी (मुख्य क्रिया)


📌 (iv) कुछ लोग ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कि वे कभी गलत नहीं कर सकते।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जैसे कि वे कभी गलत नहीं कर सकते

  • प्रकार: रीति (Manner)

  • संशोधित शब्द: व्यवहार करते हैं (मुख्य क्रिया)


📌 (v) मूर्ख लोग ऐसी जगहों पर कूद पड़ते हैं जहाँ फरिश्ते डरने लगते हैं।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जहाँ फरिश्ते डरने लगते हैं

  • प्रकार: स्थान (Place)

  • संशोधित शब्द: कूद पड़ते हैं (मुख्य क्रिया)


📌 (vi) पर्याप्त एक त्योहार के समान है।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: एक त्योहार के समान

  • प्रकार: तुलना (Comparison)

  • संशोधित शब्द: है (संपर्क क्रिया)


📌 (vii) वह बेहतर बोलता है जितना वह लिखता है।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जितना वह लिखता है

  • प्रकार: तुलना (Comparison)

  • संशोधित शब्द: बोलता है (मुख्य क्रिया)


📌 (viii) पृथ्वी चंद्रमा से बड़ी है।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: चंद्रमा से बड़ी

  • प्रकार: तुलना (Comparison)

  • संशोधित शब्द: है (संपर्क क्रिया)


📌 (ix) आग बुझाने की घंटी बज गई जब छात्र परीक्षा दे रहे थे।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जब छात्र परीक्षा दे रहे थे

  • प्रकार: समय (Time)

  • संशोधित शब्द: बज गई (मुख्य क्रिया)


📌 (x) वह अपनी नई नौकरी शुरू करेगी जब वह अपनी छुट्टी से वापस आएगी।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जब वह अपनी छुट्टी से वापस आएगी

  • प्रकार: समय (Time)

  • संशोधित शब्द: शुरू करेगी (मुख्य क्रिया)


📌 (xi) कम्पनी के लाभ बढ़ गए जब उनके उत्पादों की मांग बढ़ी।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जब उनके उत्पादों की मांग बढ़ी

  • प्रकार: समय (Time)

  • संशोधित शब्द: बढ़ गए (मुख्य क्रिया)


📌 (xii) शिक्षक असाइनमेंट पर चर्चा करेंगे जब छात्र अपनी परियोजना पूरी कर लेंगे।

  • क्रियाविशेषण खण्ड: जब छात्र अपनी परियोजना पूरी कर लेंगे

  • प्रकार: समय (Time)

  • संशोधित शब्द: चर्चा करेंगे (मुख्य क्रिया)



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